बैतूल:- मंगलवार को जनसुनवाई में एक चौंकाने वाली शिकायत सामने आई, जिसमें भोपाल निवासी एक महिला ने आरोप लगाया कि उसकी जमीन से जुड़े मुआवजे का मामला अदालत में लंबित है, फिर भी उसमें से करीब 16 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। महिला ने इस भुगतान को धोखाधड़ी बताया है और संबंधित अधिकारियों पर गलत जानकारी देकर आदेश दिलवाने का आरोप लगाया है।
1. शिकायत करने पहुंचीं रितेश्वरी विनोद कुमार विजयवार ने बताया कि खसरा क्रमांक 142/10, प.ह.नं. 36, ग्राम दनोरा, पंचायत दनोरा, जिला बैतूल की भूमि शासन द्वारा फोरलेन सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई है। इस जमीन का मुआवजा 22 लाख 22 हजार 654 रुपये निर्धारित किया गया था।
2. रितेश्वरी के अनुसार इस जमीन के स्वामित्व को लेकर मामला वर्तमान में जिला न्यायालय बैतूल में विचाराधीन है, जिस कारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), बैतूल द्वारा मुआवजे की राशि के भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। बावजूद इसके उन्हें मौखिक रूप से जानकारी मिली कि उनके चाचा और बुआ द्वारा स्टांप पेपर पर दस्तावेज लिखवाकर जिलाधीश के आदेश से लगभग 16 लाख 64 हजार रुपये की राशि निकाल ली गई है।
3. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके वकील द्वारा जब जानकारी मांगी गई, तो कार्यालय सहायक ने बताया कि जिलाधीश के निर्देश पर ही भुगतान किया गया है, क्योंकि संबंधित व्यक्ति बार-बार कार्यालय आ रहे थे। जबकि यह स्पष्ट है कि मुआवजे के भुगतान पर न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते रोक थी।
4. रितेश्वरी ने बताया कि खसरा क्रमांक 142/10 की जमीन पर स्वामित्व केवल उनका और उनकी छोटी बहन ज्योति साहू का है, और केवल उन्हें ही मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर गलत तरीके से निकाली गई राशि की वसूली की जाए और न्यायालयीन निर्णय तक किसी भी प्रकार का भुगतान रोका जाए।
बैतूल:- जमीन अधिग्रहण पर प्रकरण न्यायालय में लंबित होने के बावजूद बांट दिया मुआवजा, भोपाल निवासी आवेदक महिला ने जनसुनवाई में की शिकायत

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