* सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल:- माचना नदी पर इन दिनों संकट के बादल छाए हुए हैं। एक ओर जहां नदी पर प्राकृतिक आपदा के रूप में जलकुंभी ने कहर बरपाया हुआ है तो वहीं भू-माफिया भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। ताजा मामला वार्ड नंबर-30 लोहिया वार्ड क्षेत्र माचना नगर, शंकर नगर क्षेत्र की ओर का है यहां पर अवैध रूप से प्लाट बेचने की तैयारी की जा रही है। भू-माफिया रात में माचना नदी के मुहाने को मुरम, बोल्डर से भराव कर जमीन तैयार कर रहा है। जमीन तैयार करने के बाद इस पर प्लाट काटकर बेचने की तैयारी की जा रही है। इस तरह के हालात केवल इस क्षेत्र में ही नहीं हैं, बल्कि बैतूल शहर में जहां भी माचना नदी बह रही है वहां पर नदी के दोनों किनारों पर अतिक्रमण के जमकर किया गया है, लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है। शासन प्रशासन की नजर से बचने के लिए भू माफिया रात के अंधेरे में माचना नगर, शंकर नगर क्षेत्र में माचना नदी के मुहानों पर भराव किया जा रहा है।
माँ माचना के अस्तित्व को खतरा:-
बैतूल शहर से बहने वाली माचना नदी नगर में धार्मिक महत्व भी रखती है। माँ माचना में पूजा-पाठ, ज्वारे, गणेश प्रतिमा, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की जाती है। दामादैय्यत घाट पर लोग पूजा-पाठ करने पहुंचते हैं। समाजसेवी एवं खिलाड़ी हेमंत चंद दुबे द्वारा माचना को साफ करने के लए जलकुंभ को लेकर सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। कुछ सामाजिक संगठन नदी संरक्षण अभियान के तहत श्रमदान से नदी की सफाई में भी जुटे हुए हैं, लेकिन एक ओर तो लोग नदी सहेजने के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं, लेकिन इन सभी प्रयासों पर शहर के अतिक्रणकारी और भू-माफिया पानी फेर रहे हैं। माचना नदी का कई जगह से बहाव पूरी तरह से थम गया है, बहाव थमने से पानी मटमैला दिखाई देने लगा है, नगर के जागरूक लोग माचना दी के अस्तित्व को लेकर चिंतित भी हैं।
कई जगह नदी में अतिक्रमण:-
माचना नदी में अतिक्रमण का मुद्दा नया नही हैं। पुराने लोहिया वार्ड क्षेत्र से गुजरी नदी के अंदर तक अतिक्रमण की शिकायतें लगातार मिलती रहती है। करबला क्षेत्र में शक्कर मिल के पास भी नदी के अंदर तक अतिक्रमण की शिकायतें कई बार प्रशासन तक पहुंची है। वहीं बडोरा में दामा दैय्यत घाट सहित पुल के दूसरी तरफ शांति वन के बडोरा क्षेत्र की ओर भी अतिक्रमण की शिकायतें हो चुकी हैं। जिस तरह से माचना नगर, शंकर नगर में अवैध रूप से प्लाटिंग की तैयारी की जा रही है यदि यहां मकान बन गए तो नदी के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडराने लगेगा क्योंकि नदी का बहाव पूरी तरह से थम जाएगा। इसके बाद बारिश में यदि बाढ़ की स्थिति बनती है तो जान माल के नुकसान की भी आश्ंाका है।
इनका कहना है:-
* मैं इस मामले को तुरंत दिखवाता हूं, जितनी जल्दी होगा टीम का गठन करके माचना नदी पर अवैध रूप से कब्जे के मामले में कार्रवाई की जाएगी।
* सतीश मटसेनिया, सीएमओ नगरपालिका
इनका कहना है
* माचना नदी को नाला बनाने की तैयारी की जा रही है, अवैध काम करने वालों ने नदी तक पैर पसार लिए हैं, नदी को बचाने प्रशासन का भी ध्यानाकर्षण इस ओर कराया जाना आवश्यक है।
आनंद प्रजापति, पार्षद व पूर्व नपाध्यक्ष, बैतूल
इनका कहना है
मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि कहां पर नदी का भराव करके प्लांटिंग की जा रही है। यदि ये सही बात है तो मैं मामले को दिखवाती हूं।
* सोमती धुर्वे, पार्षद वार्ड नंबर 30