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कांग्रेस में छंटनी का संकेत? राहुल बोले- ‘रेस के घोड़े, बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़े’; क्या है इसका मतलब?

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भोपाल: लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी का एक बयान इन दिनों खूब चर्चाएं बंटोर रहा है. राहुल गांधी ने ये बयान मंगलवार को भोपाल में दिया है. इस बयान में उन्होंने कहा कि पार्टी में कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जो पूरी ताकत के साथ पार्टी के लिए काम करते हैं. जबकि ऐसे भी कई कार्यकर्ता हैं जो अब थक चुके हैं. ऐसा लग रहा है कि वह रेस में थक चुके हैं. ऐसे में अब समय आ गया है कि रेस के घोडे़ और बारात के घोड़े को अलग करना पड़ेगा. 

थके हुए लोग रेस नहीं जीत सकते: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं पहले कहा करता था कि दो टाइप के घोड़े हैं लेकिन अब मैं ये मानता हूं कि दो नहीं बल्कि तीन टाइप के घोड़े हैं. एक रेस का घोड़ा, एक बारात का घोड़ा और तीसरा लंगड़ा घोड़ा. अब समय आ गया है कि हम लंगड़े घोड़े को अलग करें. ऐसे कार्यकर्ता अगर बांकी घोड़ों यानी कार्यकर्ताओं को तंग करेंगे तो उनपर कार्रवाई होगी. 

विचारधारा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की कमी नहीं
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि मध्यप्रदेश में विचारधारा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम जिस कमरे में बैठे हैं उसी कमरे में ऐसे कई कार्यकर्ता हैं जो बीजेपी को हराने का टैलेंट रखते हैं. लेकिन मुझे पता है कि आपके हाथ बंधे हुए हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी आवाज संगठन में ठीक से सुनाई नहीं देती है. b

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