सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल:-
प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में पानी समस्या खड़ी होती है, पर नगरपालिका परिषद प्यास लगने पर कुआं खोदने वाली कहावत को हर वर्ष चरितार्थ करती है। फांसी खदान स्थित पानी की टंकी के पास पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से बड़ी मात्रा में पानी का लीकेज हो रहा है और लगभग 10 दिनों से नगर में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, इसको लेकर नगरपालिका नेताप्रतिपक्ष राजकुमार दीवान के नेतृत्व में कांग्रेस के पार्षदगण नगरपालिका द्वारा से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया है और उन्होंने बताया कि दो दिन में पेजयल व्यवस्था दुरूस्त नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी।
शहर में एक सप्ताह से पानी सप्लाई ठप्प:-
बैतूल नगरीय क्षेत्र में पेयजल सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो गई है। ताप्ती बैराज से ताप्ती जल सप्लाई वाली तीन माटरों में से एक खराब होने के कारण बैराज से भी सप्लाई व्यवस्था धीमी चल रही है वहीं शहर के 33 वार्डों में सप्लाई देने वाली 10 टंकियां लगभग खाली पड़ी हैं जिसके कारण पानी सप्लाई व्यवस्था चरमरा गई है। जानकारी के अनुसार जानकारी के अनुसार घोघरी बांध से पानी लेने के 8 दिन बाद भी शहर में जलसंकट है। नगरपालिका शहर की 10 टंकियों को भरने के लिए 72 लाख लीटर साफ पानी स्टोर नहीं हो पाने को इसके पीछे कारण बता रही है। जबकि नपा ने अपना ही 23 लाख लीटर क्षमता का पुराना फिल्टर प्लांट बेवजह बंद कर रखा है। इस फिल्टर प्लांट को चालू कर लिया जाए तो आपूर्ति पूरी हो सकती है। नए फिल्टर प्लांट से रोजाना 40 लाख लीटर पानी फिल्टर हो ही रहा है, 23 लाख लीटर पुराने से मिल जाएगा, यानी 63 लाख लीटर से टंकियां आसानी से भर सकती हैं। पुराने फिल्टर प्लांट को थोड़ा बहुत काम करवाकर आसानी से चालू करवाया जा सकता है, लेकिन नपा ने इसके लिए कोई योजना ही नहीं बनाई है। पुराना फिल्टर प्लांट 1972 में बनाया था। अच्छी खासी क्षमता होने के बावजूद इसे 2018 में अमृत का काम पूरा होने के बाद ताला लगाकर बंद कर दिया।
1. जबकि इसे स्टोरेज टैंक के रूप में उपयोग किया जा सकता था। लेकिन इसमें पानी डालना और फिल्टर करना ही बंद कर दिया। 018 में नपा ने बंद किया था पुराना फिल्टर प्लांट दरअसल नया फिल्टर प्लांट से पानी फिल्टर होने लगा तो 2018 में बने पुराने फिल्टर प्लांट को नपा ने बंद कर दिया। नया फिल्टर प्लांट एक दिन में 40 लाख लीटर पानी ही फिल्टर कर पाता है।