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बच्चे की लिखावट सुधारने के 5 जादुई तरीके! लिखेंगे ऐसी हैंडराइटिंग जिसे देख टीचर भी करेगी तारीफ

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बच्चे की लिखावट सुधारने के 5 जादुई तरीके! लिखेंगे ऐसी हैंडराइटिंग जिसे देख टीचर भी करेगी तारीफ, अगर आप भी अपने बच्चे की खराब लिखावट से परेशान हैं, तो यहां जानिए आसान तरीके, जिनसे उनकी लिखावट को सुधारा जा सकता है. खेलते-खेलते ही बच्चा अपनी लिखावट सुधार लेगा.

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बचपन में ज्यादातर बच्चों की लिखावट खराब ही दिखाई देती है. कई बच्चों की लिखावट तो उम्र के साथ-साथ खुद-ब-खुद सुधरने लगती है, वहीं कुछ बच्चों की लिखावट बढ़ते उम्र के साथ बिगड़ने लगती है. कभी-कभी तो हाल ये हो जाता है कि बच्चे की कॉपी देखकर टीचर भी यही कह देते हैं कि इस पर कीड़े मारे हैं क्या, क्योंकि लिखा क्या है समझ पाना मुश्किल होता है. कभी-कभी तो बच्चे खुद अपनी लिखाई को समझने में परेशानी करने लगते हैं. ऐसे में अगर आप माता-पिता हैं तो कुछ आसान बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चे की लिखावट को सुधारने की कोशिश कर सकते हैं. ये टिप्स काफी कारगर हैं और इन्हें आजमाना भी बहुत आसान है.

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बच्चे की लिखावट सुधारने के 5 जादुई तरीके! लिखेंगे ऐसी हैंडराइटिंग जिसे देख टीचर भी करेगी तारीफ

  • धीमे लिखने के लिए कहें: कभी-कभी बच्चे खेलने की जल्दी में होते हैं, जिसकी वजह से वे जल्दी से जल्दी काम खत्म करने की सोचते हैं. ये जल्दबाजी उनकी लिखावट बिगाड़ देती है और कभी-कभी तो बहुत गंदी लगने लगती है. ऐसे में बच्चे को धीरे-धीरे लिखने के लिए कहें. इससे उनकी लिखावट में सुधार होगा. आप चाहें तो बच्चे की निगरानी के लिए पास में बैठ भी सकते हैं.
  • पेंसिल पकड़ने का तरीका सुधारें: अक्सर बच्चे पेंसिल को इतनी जोर से पकड़ते हैं कि उनके लिए लिखना, शब्दों को मोड़ना और उन्हें कागज पर उतारना मुश्किल हो जाता है. अगर पेंसिल पकड़ने का तरीका सही हो और पेंसिल पकड़ने पर बल कम लगे तो बच्चों के लिए लिखना आसान हो जाएगा और वे आसानी से शब्दों को कागज पर उतार पाएंगे.
  • खेलते हुए सीखना: बच्चा जिस भी काम में पेंसिल का इस्तेमाल करता है, उससे उसकी लिखावट सुधारने में मदद मिलती है. आप खेल-खेल में भी बच्चे की लिखावट को सुधार सकते हैं. उसे किसी पन्ने पर कुछ ना कुछ लिखने के लिए दें या फिर कोई चित्र बनाने के लिए भी कह सकते हैं. यहां मकसद बच्चे की पेंसिल पकड़ने की पकड़ को मजबूत करना है.
  • धीमे लिखें और जगह छोड़ें: कभी-कभी बच्चे की लिखावट उतनी खराब नहीं होती जितनी दिखाई देती है. बस जरूरत होती है कि वो थोड़ी जगह छोड़कर लिखे. बच्चे को शब्दों के बीच में एक उंगली जितनी जगह छोड़कर लिखने के लिए कहें. इससे लिखावट खुली, साफ और पहले से बेहतर नजर आने लगेगी.
  • गलतियों पर ध्यान दें: बच्चे को रोजाना 10 या 20 पन्ने लिखाकर उसकी लिखावट नहीं सुधरेगी, बल्कि शब्दों को लिखने में वो कहां गलती करता है या फिर उसकी लिखावट खराब होने का कारण क्या है, उसी पर ध्यान देकर और उस समस्या को सुधार कर के ही लिखावट में सुधार होगा.
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