घर के आँगन में 1850 किलो तक दूध देने वाली भैंस का करे पालन, होगी इतनी नोटों की बारिश की गिनते गिनते थक जायेगे हाथ।
उच्च दूध देने वाली भैंस की नस्लें: पशुपालन को बनाएं लाभ का धंधा
पशुपालन आय का एक अच्छा जरिया है. इसमें कई तरह के जानवर शामिल हैं, जिनमें से भैंस एक प्रमुख पशु है. भैंस अच्छी मात्रा में दूध देती है, जिससे पशुपालकों की अच्छी कमाई हो जाती है. कई ऐसे पशुपालक हैं जो हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं. इसकी वजह है अच्छी नस्ल की भैंसों का पालन.
घर के आँगन में 1850 किलो तक दूध देने वाली भैंस का करे पालन, होगी इतनी नोटों की बारिश की गिनते गिनते थक जायेगे हाथ
तो आइए आज जानते हैं कि वह कौन सी भैंस की नस्लें हैं जो ज्यादा दूध देती हैं. जानवर पालने में मेहनत तो लगती ही है, लेकिन अच्छी नस्ल की भैंस पालने पर आपको ज्यादा दूध मिलता है. इससे आपकी आमदनी भी ज्यादा बढ़ जाती है. तो आइए जानते हैं ऐसी ही पांच बेहतरीन नस्लों के बारे में.
1. मुर्रा भैंस
सबसे पहले हम मुर्रा भैंस की बात करते हैं. यह एक लैक्टेशन में 1750 से 1850 किलो तक दूध देती है. इसका मतलब है कि इसकी दूध उत्पादन क्षमता काफी अच्छी है. इस भैंस को अब कई राज्यों में पाला जाता है. लेकिन पहले यह मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में ही पाई जाती थी. यह पूरी तरह से काले रंग की होती है. लेकिन इसके खुर और पूंछ के पास हल्के सफेद धब्बे देखे जा सकते हैं.
2. मेहसाना भैंस
मेहसाना भैंस पालकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है. क्योंकि यह एक लैक्टेशन में 1200 से 1500 किलो दूध देती है. इसका रंग भी काला होता है. लेकिन कुछ भैंसें भूरे रंग की भी देखी जा सकती हैं. यह दिखने में मुरrah भैंस की तरह ही लगती है. लेकिन यह उससे थोड़ी ज्यादा बड़ी दिखाई देती है. वजन की बात करें तो नर भैंसा का वजन 560 किलो और मादा भैंस का वजन 480 किलो होता है.
3. नीली रावी भैंस
ब्लू रावी भैंस पालकर भी पशुपालक ज्यादा दूध उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. क्योंकि यह भैंस प्रति लैक्टेशन 1500 से 1800 लीटर दूध देती है. इस भैंस का सिर छोटा होता है और आंखों के बीच एक गड्डा होता है. यह पाकिस्तान के साहिवाल में सूतlej घाटी में देखी जा सकती है. इसका नाम ब्लू रावी भैंस इसलिए पड़ा है क्योंकि यह मुख्य रूप से रावी नदी के किनारों पर पाई जाती है. यही कारण है कि इसे यह नाम मिला.
4. बन्नी भैंस
बन्नी भैंस पालकर भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि यह भैंस भी अच्छी मात्रा में दूध देती है. आपको बता दें कि इस भैंस की दूध उत्पादन क्षमता एक लैक्टेशन में लगभग 1100 लीटर से 2800 लीटर तक होती है. यह भी एक गहरे काले रंग की भैंस होती है. लेकिन इस नस्ल की कुछ भैंसें भूरे रंग की भी देखी जा सकती हैं. लोग इस भैंस को कूंदी के नाम से भी पुकारते हैं. इसे उन क्षेत्रों में पाला जा सकता है जहां अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक सर्दी दोनों होती है. क्योंकि इसमें दोनों तरह के मौसम में रहने की क्षमता होती है.
5. जाफराबादी भैंस
जफराबादी भैंस भी अच्छा दूध देती है. लेकिन अब तक बताई गई नस्लों में सबसे कम. जी हां, आपको बता दें कि यह भैंस एक लैक्टेशन में 1000 से 1200 किलो दूध देती है. लेकिन इसका वजन ज्यादा होता है. यह ज्यादातर गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती है लेकिन अब इसे कई जगहों पर देखा जा सकता है.
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