Gen-Z Protest: नेपाल इस समय भारी राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। हिंसक प्रदर्शनों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को गिरा दिया है। अब सबसे बड़ी चुनौती है अंतरिम सरकार का गठन, लेकिन नाम को लेकर कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई है। वहीं, Gen-Z गुटों के बीच सत्ता संघर्ष खुलकर सामने आ चुका है।
सत्ता की दौड़ में भिड़े Gen-Z गुट
काठमांडू में नेपाली सेना के वार बेस के बाहर बड़ा टकराव देखने को मिला। अंतरिम सरकार की कमान किसके हाथों में होगी, इसको लेकर सुशीला कार्की और बालेन शाह समर्थकों के बीच झड़प हो गई। बालेन शाह पहले ही साफ कर चुके हैं कि संसद को भंग किए बिना वह किसी अंतरिम सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे। वहीं, उनके समर्थक सुशीला कार्की के नाम का विरोध कर रहे हैं।
लगातार बदल रहा है समीकरण
शुरुआत में खबरें आईं कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है। लेकिन दोपहर तक समीकरण बदल गए और कुलमान घिसिंग, जिन्हें नेपाल का लाइट मैन कहा जाता है, का नाम भी सामने आ गया। पहले आंदोलनकारियों ने सुशीला कार्की का समर्थन किया था, मगर अंदरूनी विरोध के चलते अब कुलमान घिसिंग को आगे किया जा रहा है।
हिंसा में अब तक 34 की मौत
नेपाल में हालात इतने बिगड़े कि सेना को तीसरे दिन भी कर्फ्यू लागू करना पड़ा। अब तक हुई हिंसा में 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1300 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक आंदोलन में बदल गया।
संवैधानिक संस्थानों को बनाया निशाना
प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और नेताओं के घरों को भी आग के हवाले कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और कई मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा।
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नेपाल में संकट गहराया
फिलहाल नेपाल में यह साफ नहीं है कि अंतरिम सरकार की कमान किसे सौंपी जाएगी। सेना लगातार स्थिति को काबू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन Gen-Z गुटों के बीच आपसी खींचतान से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। देश का राजनीतिक भविष्य अब इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन अंतरिम सरकार की बागडोर संभालता है।